Inspiring Poems by Atal Behari Vajpayee
रग रग हिंदु मेरा परिचय मैं शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार, डमरू की हूँ वह प्रलयध्वनि...
रग रग हिंदु मेरा परिचय मैं शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार, डमरू की हूँ वह प्रलयध्वनि...
Today's festival of the year, To celebrate it with our near and dear; An occasion to spread joy and merry...